विद्या भारती राष्ट्रीय विद्वत परिषद्

विद्या भारती राष्ट्रीय विद्वत परिषद्
राष्ट्रीयक्षेत्रीय एवं प्रदेश स्तर पर विद्या भारती की विद्वत परिषदें गठित हैं. देश के विख्यात शिक्षाविदों एवं शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को इन परिषदों में मानसेवी सदस्यों के रूप में रखा गया है. समय-समय पर आवश्यकतानुसार राष्ट्रीयक्षेत्रीय एवं प्रदेश स्तर पर गोष्ठियां एवं सम्मेलन आयोजित किये जाते हैं. विद्या भारती को इन विशेषज्ञों एवं विद्वानों का परामर्श एवं मार्गदर्शन प्राप्त होता रहता है जिसके कारण कार्य को गति प्राप्त होती है.
कार्य योजना :
१. भारतीय संस्कृति एवं जीवनादर्शों के अनुरूप शिक्षा दर्शन विकसित करना जिससे अनुप्राणित होकर शिक्षा के लिए समर्पित कार्यकर्ता राष्ट्र की पुनर्निर्माण के पावन लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में विश्वासपूर्वक बढ़ सकें.
२. शिक्षा का ऐसा स्वरुप विकसित करना जिसके माध्यम से भारत के अमूल्य आध्यामिक निधिपरम सत्य के अनुसन्धान में पूर्व पुरुषों के अनुभव एवं गौरवशाली परम्पराओं की राष्ट्रीय थाती को वर्तमान पीढ़ी को सौंपा जा सके और उसके समृद्धि में वह अपना योगदान करने में समर्थ हो सके.
३. विश्व के आधुनिकतम ज्ञान-विज्ञान एवं तकनीकी उपलब्धियों का पूर्ण उपयोग करते हुए ऐसी शिक्षण प्रणाली एवं संसाधनों को विकसित करना है जिससे छात्रों के सर्वांगीण विकास के शैक्षिक उद्देश्यों एवं लक्ष्यों के प्राप्ति सुलभ हो सके.
४. शारीरिकयोग एवं आध्यात्मिकसंगीत तथा संस्कृत शिक्षा के राष्ट्रीय पाठ्यक्रमोंसहपाठ्य क्रियाकलापों एवं अनौपचारिक शिक्षा के आयोजनों से छात्रों में राष्ट्रीय एकताचरित्रिक एवं सांस्कृतिक विकास को सुदृढ़ करना.
५. शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रमों को विभिन्न स्तरों पर व्यापक एवं प्रभावी रूप से संचालित करना जिससे कुशलचरित्रवान एवं समर्पित शिक्षकों का निर्माण हो सके.
६. आधारभूत एवं व्यावहारिक अनुसन्धान एवं विकास के कार्यक्रमों का सञ्चालन एवं निर्देशन करना तथा भारतीय मनोविज्ञान को शिक्षण प्रक्रिया का आधार बनाने हेतु कार्य करना.
७. उपर्युक्त उद्देश्यों से अनुप्राणित देश में चल रहे शिक्षा संस्थानों को सम्बद्ध करना तथा उनका मार्गदर्शन करना. विशेष रूप से ग्रामीणजनजातीय एवं उपेक्षित क्षेत्रों में कार्य विस्तार करना तथा इन क्षेत्रों में दिशा-दर्शी प्रकल्प स्थापित करना.
८. विद्या भारती राष्ट्रीय विद्वत्त परिषद् के माध्यम से राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की शैक्षिक संगोष्ठियां एवं परिचर्चाएं आयोजित करना तथा शिक्षाविदों एवं विचारकों का सहयोग एवं परामर्श प्राप्त करना.
९. भारत सरकार की राष्ट्रीय शैक्षिक योजनाओं एवं कार्यक्रमों में आवश्यक सहयोग एवं परामर्श प्रदान करना.
१०. देश-विदेश में चल रहे शैक्षिक प्रयोगों एवं अनुभवों के आदान-प्रदान के माध्यम के रूप में कार्य करना एवं उनसे सक्रिय संपर्क स्थापित करना. 
भारतीय शिक्षा शोध संस्थान
आचार्यों के द्वारा शिक्षण में नए-नए प्रयोग एवं शोध (रिसर्च) करने के लिएजबलपुरउज्जैनजयपुर,चंडीगढ़मेरठ और वाराणसी में शोध केंद्र खोले गए हैं. भारतीय शिक्षा शोध संस्थानलखनऊ में स्थित है. जहाँ से "भारतीय शिक्षा शोध पत्रिका" का प्रकाशन नियमित रूप से होता है. यह पत्रिका विशेष रूप से आचार्यों के लिए प्रेरणादायक एवं लाभप्रद है. शोध कार्य का मुख्य क्षेत्र शिक्षण पद्धतिभारतीय शिक्षा मनोविज्ञानअभिवृत्तियों का मापनपरीक्षण एवं उपलब्धियों का मूल्यांकन आदि करना है